Page 53 - PTC vadodara e-स्मरणिका - 1
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ई-प का डाक श ण क , वडोदरा
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सूरज यह उगता सोन सा,
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हुई शाम रगीन कहानी है।
धरती इसक चादर ह रयाली,
हर मौसम म मु ानी है।
न दय गाती भर यश म,
पवन गज बयार यह ।
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समु लहर वन गाता गीत,
गगन मचलती म भी है आशा यह ।
स ित इसक फल जसी,
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हर भाषा म िमठास िमली।
ोहार क रोशनी देखो,
रगी म बसी है हर गली।
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िम ह यह ज भिम है,
हर दल म बसता वतन यह ।
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गज लहराए आसमान म,
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हर दल म हदु ान यह ।
युग बदल, राह बदल, े
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पर शान है अखड इसक ।
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हर बन इसका द प बनगा,
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शोभन राह भिव क ।
हर मौसम म मु ानी है।
दव िवसोिपया
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Roll NO- G-04 (PA - 250 Batch) 49

